Madhu Arora

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लफ्ज़ों के फूल आइए

लफ्ज़ों के फूल
लफ्ज़ों के फूल दिल को भाने लगे,
नजरों से वार  कर वह जाने लगे।

अजब हाल हुआ दिल का सितमगर,
लफ्ज़ उनके हमे याद आने लगे।

हर बात की अदा उनकी निराली,
मिश्री सी बोली लुभाने वाली।

लफ्ज़ उनका लगा चाशनी से भरा,
अपनी अदा से दिल चुराने लगे।

उठते बैठते  अब दिखते सनम,
याद कर उन्हें मुस्कुराने लगे।
              रचनाकार ✍️
              मधु अरोरा
              8.9.२०२२


#प्रतियोगिता हेतु

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10 Comments

Ajay Tiwari

09-Sep-2022 04:19 PM

Nice

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उम्दा सृजन

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Abhinav ji

09-Sep-2022 08:42 AM

Nice

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